Swati Sharma

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लेखनी कहानी -30-Nov-2022 (जीवन -साथी)

दैनिक प्रतियोगिता हेतु:-

कविता:- जीवन साथी:-

जीवन- साथी,
ऐसा लगता है,
जैसे हों दिया और बाती।
अंधेरे को मिलकर दूर भगाते,
वही सच्चे जीवन -साथी कहलाते।
सुख दुःख में,
ये साथ निभाते।
जीने मरने की संग कसमें खाते।
एक दूसरे का रखते ख्याल,
जब भी इनसे करो कोई सवाल।
एक दूसरे के होते हैं ये पक्के मित्र,
चाहे उठा कर देख लो कोई भी चित्र।
जीवन भर ये रहते साथ,
चाहे फिर दिन हो या हो रात।
बाकी जोड़ों से है इनका कहना,
आपस में मिलजुल कर रहना।

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12 Comments

Gunjan Kamal

06-Dec-2022 01:13 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Swati Sharma

06-Dec-2022 03:56 PM

Dhanyawad ma'am

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Anuradha sandley

01-Dec-2022 10:08 AM

👏👌🙏🏻

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Swati Sharma

06-Dec-2022 03:56 PM

🙏🏻😇🙏🏻

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बहुत ही सुन्दर

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Swati Sharma

06-Dec-2022 03:56 PM

Dhanyawad sir

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